• Fahd Salem Bahammam
    Fahd Salem Bahammam
    यही इस्लाम है

    क्या आप अपने आस-पास और मीडिया में बहुचर्चित विषय धर्म के बारे में सही जानकारी प्राप्त करना नहीं चाहते? कृपया आप थोड़ी देर रुक कर गहराई से सोचें उस धर्म के बारे में जो ग्लोबल आँकड़ों के अनुसार सबसे अधिक फैलने वाला और स्वीकार किया जाने वाला धर्म है । जब आप जीवन, धर्म और संसार के बारे में और समुदाय की धारणा और संस्कृतियों की खोज करते हैं, तो क्या आपको खुशी महसूस नहीं होती? आप इस्लाम की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए अपना बहुमूल्य समय क्यों नहीं देते । फिर अपनी बुद्धि और विवेक के साथ निर्णय लें? यदि उपर्युक्त कोई चीज़ रोचक हो या उससे आप सहमत हों, तो यह पुस्तक आपके लिए निश्चित रूप से सहायक साबित होगी ।

    यही इस्लाम है
  • Majed S. Al-Rassi
    Majed S. Al-Rassi
    धर्म दो चीजों पर आधारित है

    यह एक संक्षिप्त शैक्षिक निबंध है, जिसमें लेखक ने यह स्पष्ट किया है कि धर्म केवल दो सिद्धांतों पर आधारित है, फिर उन लोगों का उल्लेख किया है जो इन सिद्धांतों को समझने और इन्हें व्यवहार में लाने में (पूर्वजों) का विरोध करते हैं,ये विरोधी दस प्रकार के हैं, यह लेख धर्म के मूलभूत आधार को समझने का सही तरीका स्पष्ट करता है, जो केवल एक है, तथा धर्म के मौलिक आधार को समझने के गलत और निराधार तरीकों से भी परदा उठता है,जिन की संख्या दस है,इस प्रकार यह एक अत्यंत शैक्षिक और उपयोगी निबंध है, जिसके माध्यम से एक मुसलमान हिदायत के मार्ग से अवगत हो सकता है ताकि वह उसका अनुगमन करे, और गुमराही (त्रुटि)के मार्ग से भी परिचित हो सके ताकि वह उससे दूर रहे, और वह धर्म पर अडिग रहा, उसका पांव डगमगाए नहीं।

    धर्म दो चीजों पर आधारित है
  • Majed S. Al-Rassi
    Majed S. Al-Rassi
    अल्लाह के अतिरिक्त से प्रार्थना करना अवैध है पचास तर्कों के आलोक में।

    अल्लाह के अतिरिक्त से प्रार्थना करना अवैध है पचास तर्कों के आलोक में।

    अल्लाह के अतिरिक्त से प्रार्थना करना अवैध है पचास तर्कों के आलोक में।
  • Majed S. Al-Rassi
    Majed S. Al-Rassi
    नमाज़ की महानता एवं महत्‍व

    नमाज़ की महानता एवं महत्व

    नमाज़ की महानता एवं महत्‍व
  • Majed S. Al-Rassi
    Majed S. Al-Rassi
    आठ भ्रांतियां एवं उनके उत्तर"

    यह (अ़रबी पुस्तक का) हिंदी अनुवाद है, इसमें लेखक - अल्लाह उसे अच्छा बदलाव दे - ने उन महत्वपूर्ण संदेहों का उल्लेख किया है, कब्र में दफन हुए पैगंबरों एवं नेक लोगों को पूकारने वाले जिन का सहारा लेते हैं,और यह दावा करते हैं कि यह धामिर्क एवं सत्य प्रमाण हैं,लेखक ने इन शंकाओं का बहुत ध्यानपूर्वक और गहराई से समीक्षा किया है,और यह साबित किया है कि इन संदेहों का कोई वजन और मापदंड नहीं,क्योंकि इन संदेहों का आधार या तो कमजोर और मनगढंत हदीसों पर है, अथवा किस्से कहानियों पर,अथवा गलत एवं निराधार तर्कसंगत अटकलों पर, जो कि क़ुरान एवं हदीस के प्रमाणों, सहा़बा की समझ और मुसलमानों की सहमति के सामने कोई महत्व नहीं रखते।

    आठ भ्रांतियां एवं उनके उत्तर"
  • इस्लाम के सिद्धान्त और उसके मूल आधार

    इस पुस्तक में इस्लाम और उसके स्तंभों को परिभाषित करते हुए तथा कुछ अन्य मुद्दों का उल्लेख करते हुए, संक्षेप में इस्लाम का परिचय प्रस्तुत किया गया है। चुनाँचे सबसे पहले संक्षेप में ब्रह्माण्ड की रचना, उसकी रचना की तत्वदर्शिता, मनुष्य की रचना और उसका सम्मान, महिला का स्थान, मनुष्य की पैदाइश की हिक्मत, मनुष्य को धर्म की आवश्यकता, सच्चे धर्म का मापदंड, धर्मों के प्रकार, वर्तमान धर्मों की स्थिति, नबूवत (ईश्दूतत्व) की वास्तविकता, नबूवत की निशानियाँ, मानव जाति को संदेष्टाओं की ज़रूरत, आख़िरत, रसूलों की दावत के नियम एवं सिद्धांत, अनन्त सन्देश, खत्मे नबूवत का वर्णन किया है। फिर इस्लाम और उसके स्तंभो को परिभाषित करते हुए, धर्म की श्रेणियों और इस्लाम धर्म की कुछ अच्छाईयों का उल्लेख किया गया है।

    इस्लाम के सिद्धान्त और उसके मूल आधार
  • Muhammad Salih al-Munajjid
    Muhammad Salih al-Munajjid
    लोग चाहे करें तुच्छज्ञान मगर हैं हराम

    इस किताब में है : • कुरआन और हदीस की रोशनी में चंद हराम चीज़ों का बयान जिन्हें करते हुए बहुत सारे लोग गुरेज़ नहीं करते हैं , जैसेः अल्लाह के शिर्क करना , कब्रों की इबादत करना , सूद , रिश्वत और ज़िना वगैरा ।

    लोग चाहे करें तुच्छज्ञान मगर हैं हराम
  • Muhammad ibn Saleh al-Othaimeen
    Muhammad ibn Saleh al-Othaimeen
    ईमान के मूल आधार

    इस किताब में है : • इस्लाम धर्म हर युग , हर स्थान तथा हर सामुदाय के लिए उपयोगी है • कुरआन और हदीस की रोशनी में इस्लाम और ईमान के अरकान • इस्लामी अक़ीदा के मक़ासिद ( लक्ष्य - उद्देश ) ।

    ईमान के मूल आधार
  • Group of Scholars
    Group of Scholars
    अनमोल पैग़ाम हाजीयों के नाम

    इस किताब में है : • वह जगहें जिनकी इबादत के तौर पर ज़ियारत करना अस्लन मशरूञ् ( मूलतः शरीअत सम्मत ) ही नहीं है • वह जगहें जिनकी इबादत के तौर पर जियारत करना उमुमन मशरूभू ( साधारणतः शरीअत सम्मत ) है . सबआ मसाजिद ( सात मस्जिदों ) की हकीकृत ।

    अनमोल पैग़ाम हाजीयों के नाम
  • Group of Scholars
    Group of Scholars
    हज्ज , उम्रह व मस्जिदे नबवी की ज़ियारत संबंधी गाइड

    इस किताब में है : • इस्लाम से ख़ारिज करने वाली बातें • उम्रह का तरीका • हज्ज का विवरण • मस्जिदे नबवी की ज़ियारत • ग़लतियाँ जिनका इर्तिकाब बाज़ हाजी करते हैं • दुआएं ।

    हज्ज , उम्रह व मस्जिदे नबवी की ज़ियारत संबंधी गाइड
  • Waheed Uddin Khan
    Waheed Uddin Khan
    सच्चा रास्ता

    इसमें कोई संदेह नहीं कि यह दुनिया नश्वर है, और परलोक का जीवन ही सदैव बाक़ी रहने वाला और मनुष्य का स्थायी घर है। यह सांसारिक जीवन मात्र एक परीक्षा और परलोक की तैयारी और उसकी खेती है। तथा लोक और परलोक की सफलता और सौभाग्य प्राप्त करने का एकमात्र रास्ता वह सीधा मार्ग है जिसे हमारे संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम लेकर आए हैं। अतः जो व्यक्ति इस पर चलेगा वह सफल होगा और जो उससे उपेक्षा करेगा वह घाटे में रहेगा। इस पुस्तिका में उसी रास्ते का निर्देशन किया गया है।

    सच्चा रास्ता
  • हज्ज के भेद और उसके मकासेद

    इस किताब में है : • इतमामे हज्ज ( हज्ज को पुरा करना ) • हज्ज के भेद और मकासेद में सेः सिर्फ अल्लाह के लिए महब्बत , अज़मत , उम्मीद , खैफ , तवक्कुल , इनाबत और ख़ाकसारी साबित करना है • मक्का मुकर्रमा एक बे आब व गियाह वादी ( बंजर और अनावाद भूमी ) में क्यों वाके है ? "

    हज्ज के भेद और उसके मकासेद
  • Fahd Salem Bahammam
    Fahd Salem Bahammam
    नव मुस्लिम मार्गदर्शिका

    नवमुस्लिम मार्गदर्शिका : यह हिंदी में अनूदित एक बहुमूल्य पुस्तक है, जिसमें इसलाम धर्म ग्रहण करने वाले नवमुस्लिमों को चित्रों एवं आकृतियों के माध्यम से ऐसे निर्देश दिए गए हैं, जिनके ज़रिए वे इसलाम को आसानी से समझ सकें। दरअसल, यह उन सीमित कार्यों में से एक है, जो विशेष रूप से नवमुस्लिमों को सामने रखकर किए गए हैं, जिन्हें इसलाम की मूल शिक्षाओं के बारे में सही जानकारी की अधिक आवश्यकता होती है। इस पुस्तिका में बहुत ही आसान एवं सरल अंदाज़ में फ़िक़्ह के सभी मसायल, अक़ीदा संबंधी संदेहों और शरई पारिभाषिक शब्दों को ध्यान में रखते हुए सप्रमाण शिक्षा प्रदान करने की पद्धति अपनाई गई है।

    नव मुस्लिम मार्गदर्शिका
  • AbdulAziz Bin Muhammad Al-Salman
    AbdulAziz Bin Muhammad Al-Salman
    इस्लाम धर्म की खूबियाँ

    इस्लाम ही वह एकमात्र सच्चा धर्म है, जिसे अल्लाह तआला ने सर्व मानव जाति के लिए पसंद कर लिया है। अतः वह किसी भी व्यक्ति से इस्लाम के सिवा कोई दूसरा धर्म कदापि स्वीकार नहीं करेगा। इस्लाम मानव के सौभाग्य और सफलता का धर्म है, तथा वही वह धर्म है जिसने मनुष्य के व्यक्तिगत, या पारिवारिक, या सामुदायिक या सर्व मानव जाति से संबंधित मामलों में ऐसे सूक्ष्म आचार और उचित ढंग, तौर-तरीक़े सिखाये हैं जिन से उसका जीवन सुलभ हो सकता है, उसकी खुशी संपन्न हो सकती है और उसको सच्चा सौभाग्य प्राप्त हो सकता है। इस पुस्तक में इस्लाम के उन्हीं कुछ गुणों और विशेषताओं का उल्लेख किया गया है।

    इस्लाम धर्म की खूबियाँ
  • Ata’a Alrahman Deya’a Allah
    Ata’a Alrahman Deya’a Allah
    ख़ालिस इन्सानी अधिकार

    इस्लाम इन्सान की हैसियत से इन्सान के कुछ हक़ और अधिकार मुक़र्रर करता है। दूसरे शब्दों में इसका मतलब यह है कि हर इन्सान चाहे, वह हमारे अपने देश और वतन का हो या किसी दूसरे देश और वतन का, हमारी क़ौम का हो या किसी दूसरी क़ौम का, मुसलमान हो या ग़ैर-मुस्लिम, किसी जंगल का रहने वाला हो या किसी रेगिस्तान में पाया जाता हो, बहरहाल सिर्फ़ इन्सान होने की हैसियत से उसके कुछ हक़ और अधिकार हैं जिनको एक मुसलमान लाज़िमी तौर पर अदा करेगा और उसका फ़र्ज़ है कि वह उन्हें अदा करे।

    ख़ालिस इन्सानी अधिकार
  • Ibrahim Abu Harb
    Ibrahim Abu Harb
    इस्लाम का संक्षिप्त तथा सचित्र परिचय

    इस्लाम का संक्षिप्त तथा सचित्र परिचय

    इस्लाम का संक्षिप्त तथा सचित्र परिचय
  • Ata’a Alrahman Deya’a Allah
    Ata’a Alrahman Deya’a Allah
    इस्लाम धर्म के मूल सिद्धांत

    इस्लाम एक परिपूर्ण व्यापक धर्म है जो जीवन के सभी छेत्रों को सम्मिलित है। इस्लाम के अनुयायी का अपने उत्पत्तिकर्ता के साथ किस तरह का संबंध होना चाहिए तथा जिस समाज में वह जीवन यापन कर रहा है उसके विभिन्न सदस्यों के साथ उसका संबंध कैसा होना चाहिए, दोनों पक्षों को इस्लाम ने स्पष्ट किया है। इस पुस्तिका में यह उल्लेख किया गया है कि सर्व जगत के पालनहार के प्रति निष्ट होने के छेत्र क्या हैं, उसकी आराधना और उपासना किस प्रकार तथा उसके नियम क्या हैं। जिन्हें ईमान और इस्लाम के अर्कान यानी मूल आधार और सिद्धांत के नाम से जाना जाता है।

    इस्लाम धर्म के मूल सिद्धांत