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इस्लाम एक दृष्टि में
इस्लाम क्या है? उसकी वास्तविकता और उसका उद्देश्य क्या है? उसके मूल तत्व और उसकी मौलिक शिक्षाएँ क्या हैं? मानव को वह कौन सा दृष्टिकोण देता, किस चरित्र और आचरण पर उभारता और किस प्रकार का जीवन गुज़ारने का निर्देश देता है? यह पुस्तक इन्हीं बिन्दुओं को सामने रख कर लिखी गई है और यह प्रयास किया गया है कि जो लोग मुसलमान होने के उपरांत भी शुद्ध रूप् से इस्लाम की वास्तविकता को नहीं जानते, वे इस पुस्तक के अध्ययन से मौलिक और आवश्यक सीमा तक, इस्लाम की वास्तविक रूप-रेखा को जान लें। विशष्टि रूप से इस्लाम में उपासन के व्यापक और विस्तृत अर्थ का खुलासा किया गया है, जो कि केवल वैयक्तिक जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि वास्तव में जीवन के सभी अंशों और पक्षों को सम्मिलित है, चाहे वह आध्यात्मिक हो, या नैतिक, पारिवारिक हो या सामाजिक, राजनैतिक हो या आर्थिक।
आठ भ्रांतियां एवं उनके उत्तर"
यह (अ़रबी पुस्तक का) हिंदी अनुवाद है, इसमें लेखक - अल्लाह उसे अच्छा बदलाव दे - ने उन महत्वपूर्ण संदेहों का उल्लेख किया है, कब्र में दफन हुए पैगंबरों एवं नेक लोगों को पूकारने वाले जिन का सहारा लेते हैं,और यह दावा करते हैं कि यह धामिर्क एवं सत्य प्रमाण हैं,लेखक ने इन शंकाओं का बहुत ध्यानपूर्वक और गहराई से समीक्षा किया है,और यह साबित किया है कि इन संदेहों का कोई वजन और मापदंड नहीं,क्योंकि इन संदेहों का आधार या तो कमजोर और मनगढंत हदीसों पर है, अथवा किस्से कहानियों पर,अथवा गलत एवं निराधार तर्कसंगत अटकलों पर, जो कि क़ुरान एवं हदीस के प्रमाणों, सहा़बा की समझ और मुसलमानों की सहमति के सामने कोई महत्व नहीं रखते।
धर्म दो चीजों पर आधारित है
यह एक संक्षिप्त शैक्षिक निबंध है, जिसमें लेखक ने यह स्पष्ट किया है कि धर्म केवल दो सिद्धांतों पर आधारित है, फिर उन लोगों का उल्लेख किया है जो इन सिद्धांतों को समझने और इन्हें व्यवहार में लाने में (पूर्वजों) का विरोध करते हैं,ये विरोधी दस प्रकार के हैं, यह लेख धर्म के मूलभूत आधार को समझने का सही तरीका स्पष्ट करता है, जो केवल एक है, तथा धर्म के मौलिक आधार को समझने के गलत और निराधार तरीकों से भी परदा उठता है,जिन की संख्या दस है,इस प्रकार यह एक अत्यंत शैक्षिक और उपयोगी निबंध है, जिसके माध्यम से एक मुसलमान हिदायत के मार्ग से अवगत हो सकता है ताकि वह उसका अनुगमन करे, और गुमराही (त्रुटि)के मार्ग से भी परिचित हो सके ताकि वह उससे दूर रहे, और वह धर्म पर अडिग रहा, उसका पांव डगमगाए नहीं।
इस्लाम धर्म की खूबियाँ
इस्लाम ही वह एकमात्र सच्चा धर्म है, जिसे अल्लाह तआला ने सर्व मानव जाति के लिए पसंद कर लिया है। अतः वह किसी भी व्यक्ति से इस्लाम के सिवा कोई दूसरा धर्म कदापि स्वीकार नहीं करेगा। इस्लाम मानव के सौभाग्य और सफलता का धर्म है, तथा वही वह धर्म है जिसने मनुष्य के व्यक्तिगत, या पारिवारिक, या सामुदायिक या सर्व मानव जाति से संबंधित मामलों में ऐसे सूक्ष्म आचार और उचित ढंग, तौर-तरीक़े सिखाये हैं जिन से उसका जीवन सुलभ हो सकता है, उसकी खुशी संपन्न हो सकती है और उसको सच्चा सौभाग्य प्राप्त हो सकता है। इस पुस्तक में इस्लाम के उन्हीं कुछ गुणों और विशेषताओं का उल्लेख किया गया है।