यह एक संक्षिप्त शैक्षिक निबंध है, जिसमें लेखक ने यह स्पष्ट किया है कि धर्म केवल दो सिद्धांतों पर आधारित है, फिर उन लोगों का उल्लेख किया है जो इन सिद्धांतों को समझने और इन्हें व्यवहार में लाने में (पूर्वजों) का विरोध करते हैं,ये विरोधी दस प्रकार के हैं, यह लेख धर्म के मूलभूत आधार को समझने का सही तरीका स्पष्ट करता है, जो केवल एक है, तथा धर्म के मौलिक आधार को समझने के गलत और निराधार तरीकों से भी परदा उठता है,जिन की संख्या दस है,इस प्रकार यह एक अत्यंत शैक्षिक और उपयोगी निबंध है, जिसके माध्यम से एक मुसलमान हिदायत के मार्ग से अवगत हो सकता है ताकि वह उसका अनुगमन करे, और गुमराही (त्रुटि)के मार्ग से भी परिचित हो सके ताकि वह उससे दूर रहे, और वह धर्म पर अडिग रहा, उसका पांव डगमगाए नहीं।
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इस्लाम एक दृष्टि में
इस्लाम क्या है? उसकी वास्तविकता और उसका उद्देश्य क्या है? उसके मूल तत्व और उसकी मौलिक शिक्षाएँ क्या हैं? मानव को वह कौन सा दृष्टिकोण देता, किस चरित्र और आचरण पर उभारता और किस प्रकार का जीवन गुज़ारने का निर्देश देता है? यह पुस्तक इन्हीं बिन्दुओं को सामने रख कर लिखी गई है और यह प्रयास किया गया है कि जो लोग मुसलमान होने के उपरांत भी शुद्ध रूप् से इस्लाम की वास्तविकता को नहीं जानते, वे इस पुस्तक के अध्ययन से मौलिक और आवश्यक सीमा तक, इस्लाम की वास्तविक रूप-रेखा को जान लें। विशष्टि रूप से इस्लाम में उपासन के व्यापक और विस्तृत अर्थ का खुलासा किया गया है, जो कि केवल वैयक्तिक जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि वास्तव में जीवन के सभी अंशों और पक्षों को सम्मिलित है, चाहे वह आध्यात्मिक हो, या नैतिक, पारिवारिक हो या सामाजिक, राजनैतिक हो या आर्थिक।
इस्लाम का रास्ता
यह पुस्तक इस्लाम धर्म का परिचय प्रस्तुत करती है जिस पर अल्लाह ने धर्मों का अंत कर दिया है और उसे अपने समस्त बंदों के लिए पसंद कर लिया है तथा इस धर्म में प्रवेश करने का आदेश दिया है। अतः यह मानवजाति की उत्पत्ति की कहानी, संदेष्टाओं व ईश्दूतों के अवतरण, अंतिम संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व, आपकी संछिप्त जीवनी, आचरण व व्यवहा, तथा आपके ईश्दूतत्व की सत्यता पर अंग्रेज़ दार्शनिक थामस कार-लायल की गवाही के वर्णन पर आधारित है। इसी तरह इसमें इस्लाम की विशेषताओं एवं गुणों, इस्लाम के स्तंभों, ईमान अथवा इस्लामी आस्था के मूलसिद्धांतों, इस्लाम में उपासना के आशय तथा नारी सम्मान और उसके स्थान का उल्लेख किया गया है। इसके अध्ययन से आपके लिए इस धर्म की महानता, उसकी शिक्षाओं की सत्यता व सत्यापन और प्रति युग, स्थान, जाति और राष्ट्र के लिए उसकी योग्यता स्पष्ट होजायेगी।
ख़ालिस इन्सानी अधिकार
इस्लाम इन्सान की हैसियत से इन्सान के कुछ हक़ और अधिकार मुक़र्रर करता है। दूसरे शब्दों में इसका मतलब यह है कि हर इन्सान चाहे, वह हमारे अपने देश और वतन का हो या किसी दूसरे देश और वतन का, हमारी क़ौम का हो या किसी दूसरी क़ौम का, मुसलमान हो या ग़ैर-मुस्लिम, किसी जंगल का रहने वाला हो या किसी रेगिस्तान में पाया जाता हो, बहरहाल सिर्फ़ इन्सान होने की हैसियत से उसके कुछ हक़ और अधिकार हैं जिनको एक मुसलमान लाज़िमी तौर पर अदा करेगा और उसका फ़र्ज़ है कि वह उन्हें अदा करे।
ग़लतफ़हमियों का निवारण (इस्लाम के बारे में ग़ैर मुस्लिमों के सामान्य प्रश्नों के उत्तर)
इस पुस्तक में इस्लाम से संबंधित ग़ैर-मुस्लिमों के द्वारा पूछे जाने वाले 20 सामान्य प्रश्नों के प्रमाणों और तर्क के साथ उत्तर दिये गये हैं। यदि एक मुसलमान इन प्रश्नों के उत्तर अच्छी तरह समझ ले और इन्हें अपने दिमाग में बिठा ले, तो वह ग़ैर-मुस्लिमों के मस्तिष्कि में इस्लाम के संबंध में पाई जाने वाली ग़लतफ़हमियों को दूर करने और इस्लाम के प्रति उनके नकारात्मक सोच को बदलने में सफल रहेगा।