• Majed S. Al-Rassi
    Majed S. Al-Rassi
    जीवन के समस्त पहलूओं में इस्तेमाली शरीअ़त को निर्णायक मानने की अनिवार्यता से संबंधित पवित्र क़ुरआन से साठ प्रमाण

    जीवन के समस्त पहलूओं में इस्तेमाली शरीअ़त को निर्णायक मानने की अनिवार्यता से संबंधित पवित्र क़ुरआन से साठ प्रमाण

    जीवन के समस्त पहलूओं में इस्तेमाली शरीअ़त को निर्णायक मानने की अनिवार्यता से संबंधित पवित्र क़ुरआन से साठ प्रमाण
  • Majed S. Al-Rassi
    Majed S. Al-Rassi
    गानय व संगीत की अवैधता का संऺेऩ मेंअवऱोकन क़ुरआन व ह़दीस, चारों धार्मिक ववचारधाराओं एवं उ़ऱमा-ए-उम्मत की सहमतत के प्रकाश म

    यह छोटी सी पुस्तक क़ुरआन व हदीस एवं मुसलमानों की सहमति पर आधारित साक्ष्यों को बयान करती है जो संगीत पर आधारित गानय व संगीत एवं बेकार खेलकूद के वाद्ययंत्र की अवैधता पर साक्षी है; इसके अतिरिक्त इन की अवैधता का कारण भी बयान करती है, वह यह कि गानय एवं संगीत हृदय में रोग उत्पन्न कर देता है और इस से क़ुरआन की प्रियता को दूर कर देता है, यही कारण है कि जिस मनुष्य को संगीत सुनने की लत लग जाती है वह (अन्य मनुष्य के विपरीत) सबसे कम क़ुरआन याद करने, उसका सस्वर पाठ करने, उसको अपने जीवन में लागू  करने के अभ्यासी होते हैं, अल्लाह तआ़ला इस बात से भली-भांति अवगत है के मनुष्य का सुधार किन माध्यमों से हो सकता है एवं कौन सी चीजें उनमें बिगाड़ उत्पन्न कर सकती हैं इस कारणवश अल्लाह ने उन्हें क़ुरआन व हदीस सुनने का आदेश दिया है, अच्छी बातों को सुनना उनके लिए वैध किया है एवं संगीत व नकारात्मक बातों को सुनना उनके लिए अवैध कर दिया है, क्योंकि इससे हृदय रोगी हो जाता है और जब हृदय रोगी हो जाए तो शरीर के संपूर्ण अंग रोग से पीड़ित हो जाते हैं।

    गानय व संगीत की अवैधता का संऺेऩ मेंअवऱोकन क़ुरआन व ह़दीस, चारों धार्मिक ववचारधाराओं एवं उ़ऱमा-ए-उम्मत की सहमतत के प्रकाश म
  • Al-Ahsa Islamic Center
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    सूरह बक़रह की अंतिम दो आयतों की प्रमुखता

    सूरह बक़रह की अंतिम दो आयतों की प्रमुखता

    सूरह बक़रह की अंतिम दो आयतों की प्रमुखता
  • Al-Ahsa Islamic Center
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    सूरह इख़्लास की प्रमुखता

    सूरह इख़्लास की प्रमुखता

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  • Al-Ahsa Islamic Center
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    पवित्र क़ुर्आन की तिलावत करने की फज़ीलत

     पवित्र क़ुर्आन की तिलावत करने की फज़ीलत

    पवित्र क़ुर्आन की तिलावत करने की फज़ीलत
  • Al-Ahsa Islamic Center
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    जुमा के दिन की प्रमुखता

    जुमा के दिन की प्रमुखता

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  • GuideToIslam
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    सूरह इख़्लास

     सूरह इख़्लास

    सूरह इख़्लास
  • GuideToIslam
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    नोबल कुरान हिन्दी अनुवाद के साथ

    नोबल कुरान हिन्दी अनुवाद के साथ

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  • Syed Shaid Ali
    Syed Shaid Ali
    मेरा जीवन और क़ुरआन

    क़ुरआन अल्लाह किताब है जिसे उसने सर्व मानव-जाति के मार्गदर्शन के लिए अवतिरित किया है। यह किताब लोक-परलोक में सफलता और सौभाग्या का मार्ग गर्शाती है तथा मनुष्य को अपने अस्तित्व और इस ब्रहमांड के प्रति अनेक प्रश्नों का स्पष्ट उत्तर प्रदान करती है। जैसे- मनुष्य कहाँ से आया है? उसे कहाँ जाना है? उसके जीवन का उद्देश्य क्या है? उसे प्राप्त करने का सायधन क्या है? मृत्यु के बाद क्या होगा? इत्यादि। प्रस्तुत पुस्तक में मानव जीवन उसके विभिन्न पक्षों से संबंधित सैंकड़ों प्रश्नों के क़ुरआन से उत्तर प्रस्तुत किए गए हैं, जिनके अध्ययन से पाठक को इस बात की जानकारी होती है कि क़ुरआन ने सौभाग्य जीवन का क्या मार्ग दर्शाया है।

    मेरा जीवन और क़ुरआन
  • Iltefat Ahmed Islahi
    Iltefat Ahmed Islahi
    क़ुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथ

    क़ुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथः क़ुरआन अल्लाह की अंतिम किताब है जिसे उसने सर्व मानव-जाति के मार्गदर्शन के लिए अवतिरित किया है। यह किताब लोक-परलोक में सफलता और सौभाग्या का मार्ग दर्शाती है। प्रस्तुत पुस्तक में सतर्क औऱ स्पष्ट रूप से इस तथ्य का वर्णन किया गया है कि क़ुरआन एक ईश्वरीय ग्रंथ है, कोई मानव रचित पुस्तक नहीं है। मानव जीवन जिन विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है उनका एकमात्र समाधान इसी अंतम ईशग्रंथ में है, जिसके अंदर मानवता के लिए एक संपूर्ण जीवन प्रणाली, नियम और संविधान प्रस्तुत किया गया है, और इस कारण कि यही अंतिम ईशग्रंथ है जो हर प्रकार से सुरक्षित है क्योंकि इसका रक्षक स्वयं अल्लाह तआला है, जबकि इससे पुर्व के सभी ग्रंथ परिवर्तित कर दिए गए – यही मानवता के लिए लोक एवं परलोक में सफलता, सौभाग्य और मोक्ष प्राप्त करने का एकमात्र साधन है। इस ग्रंथ की प्रामाणिकता वैज्ञानिक प्रमाणों से भी सिद्ध है और वह अपने अवतरण के समय से आज तक चुनवती बना हुआ है और रहती दुनिया तक यह चुनौती निरंतर बाक़ी है कि कोई व्यक्ति इसके समान कुछ छंद भी प्रस्तुत नहीं कर सकता। तथा इस पुस्तक में यह तथ्य भी स्पष्ट किय गया है कि बहुत से लोग ईश्वर में विश्वास रखते है परंतु ईश्वर के बारे में उनकी कल्पनाओ का कोई विश्वसनीय आधार नहीं है, ईश्वर का स्पष्ट तसव्वुर और उसके गुण विशेषण की व्याख्या क़ुरआन में प्रस्तुत किया गया है, जिसकी जानकारी इस पुस्तक में दी गई है।

    क़ुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथ