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Group of Scholars
अनमोल पैग़ाम हाजीयों के नाम
इस किताब में है : • वह जगहें जिनकी इबादत के तौर पर ज़ियारत करना अस्लन मशरूञ् ( मूलतः शरीअत सम्मत ) ही नहीं है • वह जगहें जिनकी इबादत के तौर पर जियारत करना उमुमन मशरूभू ( साधारणतः शरीअत सम्मत ) है . सबआ मसाजिद ( सात मस्जिदों ) की हकीकृत ।
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Islam House
हज्ज और उम्रा के फज़ायल
हज्ज और उम्रा के फज़ायल : प्रस्तुत व्याख्यान में हज्ज की अनिवार्यता, इस्लाम धर्म में उसके महत्व का उल्लेख करते हुए, दिव्य क़ुरआन और हदीस में हज्ज और उम्रा तथा उनके विभिन्न कार्यों के गुणविशेषण व प्रतिष्ठा का वर्णन किया गया है।
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Islam House
हराम कमाई और उस पर चेतावनी 3
धरती पर जितने भी प्राणी हैं सब की रोज़ी का जिम्मेदार सर्वशक्तिमान अल्लाह है, और उस ने प्रत्येक व्यक्ति की एक नियमित जीविका लिख रखी है जिसे प्राप्त किए बिना वह नहीं मरेगा। तथा अल्लाह तआला ने रोज़ी कमाने के असबाब (कारण, उपाय) भी मुक़द्दर कर दिये हैं जिन को रोज़ी की प्राप्ति के लिए अपनान आवश्यक है। किन्तु मनुष्य चूँकि जल्दवाज़ पैदा किया गया है और उसके अंदर कंजूसी और धन का प्यार रख दिया गया है, इसलिए वह अपने ऊपर नियंत्रण नहीं रख पाता और रोज़ी कमाने के लिए सब से से आसान और संछिप्त उपाय और तरीक़ा तलाश करता है और हलाल और हराम की कोई परवाह नहीं करता है। इस तरह आदमी हराम कमाई और हराम खोरी में लग जाता है।
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Fayd Allah Al-Madani
दुनिया की वास्तविकता
अल्लाह सर्वशक्तिमान ने हमें सूचना दी है कि दुनिया का यह जीवन नश्वर है, स्थायी नहीं है और इसके बाद परलोक का जीवन ही स्थायी और सदा रहनेवाला घर है। इसी तरह यह जीवन कार्य और परीक्षण का घर है, जिसमें मनुष्य कार्य करता है, खेती करता है ताकि इसके बाद के जीवन में उसका प्रतिफल प्राप्त करे। इसीलिए अल्लाह ने मनुष्य को चेतावनी दी है कि उसे दुनिया और उसके श्रंगार से धोखा नहीं खाना चाहिए। क्योंकि यह दुनिया परलोक के सामने कुछ भी महत्व नहीं रखती है। तथा अल्लाह सर्वशक्तिमान दुनिया उसे भी देता है जिससे प्यार करता है और जिससे प्यार नहीं करता। अतः मनुष्य को चाहिए कि वह आखिरत की अनदेखी कर दुनिया में लिप्त न हो जाए। बल्कि उसका मूल उद्देश्य परलोक का जीवन और उसकी अनश्वर समृद्धि होनी चाहिए। प्रस्सतुत व्याख्यान में इसी का वर्णन किया गया है।
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Islam House
हराम चीज़ें- जिन्हें हल्का समझ लिया गाय - 2
अल्लाह सर्वशक्तिमान ने मनुष्य की रचना कर उन्हें नाना प्रकार के अनुग्रहों से सम्मानित किया है और साथ ही साथ कुछ आदेश और निषेध निर्धारित किए हैं जिनका पालन करना अनिवार्य है। परंतु अज्ञानता के कारण लोगों के अंदर उनके विचार, वचन और कर्म में अनेक ऐसी चीज़ें है प्रचलित हैं जो अल्लाह सर्वशक्तिमान के निकट महा पाप और जघन्य अपराध की श्रेणी में आती हैं। जबकि लोगों का हाल यह है कि वे उन्हें तुच्छ और हल्का समझते हैं, या कुछ लोग उन्हें धर्म का काम समझकर बड़ी आस्था के साथ करते हैं। प्रस्तुत व्याख्यान में उन्हीं हराम चीज़ों का खुलासा करते हुए, उनसे बचने का आह्वान किया गया है।
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Group of Scholars
हज्ज , उम्रह व मस्जिदे नबवी की ज़ियारत संबंधी गाइड
इस किताब में है : • इस्लाम से ख़ारिज करने वाली बातें • उम्रह का तरीका • हज्ज का विवरण • मस्जिदे नबवी की ज़ियारत • ग़लतियाँ जिनका इर्तिकाब बाज़ हाजी करते हैं • दुआएं ।
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Ata' Alrhman Diaa Allah
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का ईश्दूतत्व और मानव को उसकी आवश्यकता
इस ऑडियो में इस बात का उल्लेख किया गया है किस तरह मानव समाज में ईश्दूतों के अवतरण की शुरूआत हुई और विकास करते हुए एक महान संदेष्टा के ईश्दूतत्व पर संपन्न हो गयी - और वह समस्त ईश्दूतों व संदेष्टाओं के नायक मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं। तथा ईश्दूतत्व के संक्षेप इतिहास का वर्णन करते हुए हमारे अंतिम संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व, उनके अवतरण के समय धार्मिक व सामाजिक स्थितियों, उनके गुणों, पवित चरित्र, जीवन की घटनाओं, कठिन परिस्थियों, उनकी जाति के लोगों का आपके साथ दुर्व्यवहार और आपका उनके साथ सदव्यवहार का उल्लेख किया गया है। इसी तरह पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व की सच्चाई, उसके प्रमाणों का चर्चा करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि आप पर ईश्दूतत्व का समापन हो जाता है। अतएव, आप अब परलोक तक सर्वमानवजाति के लिए अल्लाह के ईश्दूत व संदेष्टा हैं और सबके लिए आपका अनुपालन करना अनिवार्य है।
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M. Abdulsalam
स्वर्ग के सुख (2 का भाग 1)
इस दुनिया के जीवन और स्वर्ग के बीच मूलभूत अंतरों को परिभाषित करने वाले दो लेख में से पहला। भाग 1: स्वर्ग में वो चीज़ें नहीं है जो इस जीवन में दुख, दर्द और पीड़ा देती हैं।
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Al-Hafiz Arshad Basheer al-Madani
मतभेदों को हल करने का इस्लामी तरीक़ा
का इस्लामी तरीक़ा : इसमें कोई संदेह नहीं कि मतभेद का पैदा होना स्वभाविक है, और जीवन में ऐसा होता रहता है। वर्तमान समय में तो, धर्म से अनभिज्ञता या उससे दूरी के कारण, इसका ग्राफ़ बढ़ गया है। प्रस्तुत व्याख्यान में मतभेद को हल करने और विवाद को सुलझाने के इस्लामिक तरीक़ा पर प्रकाश डाला गया है, और वह तरीक़ा यह है कि हर छोटे-बड़े मतभेद में क़ुरआन और सुन्नत की ओर पलटा जाए, और उसे सुलझाने में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के निर्देश़, मार्गदर्शन और आपके सहाबा रज़ियल्लाहु अन्हुम के तरीक़े का अनुसरण किया जाए।
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Islam House
हज्ज का संक्षिप्त विवरण
हज्ज का संक्षिप्त विवरण : हज्ज एक महान वैश्विक अवसर है, जिसमें दुनिया के कोने-कोने से आकर मुसलमान अल्लाह के पवित्र घर मक्का मकर्रमा में एकत्रित होते हैं ; ताकि उस महान कर्तव्य को पूरा करें जो जीवन में केवल एक बार अनिवार्य है। प्रस्तुत व्याख्यान में हज्ज की अनिवार्यता, उसकी फज़ीलत, इस यात्रा के लिए हलाल धन की आपूर्ति, तथा इसे खालिस अल्लाह के लिए और उसके पैगंबर के बताए हुए तरीक़े के अनुसार अदा करने का उल्लेख है। इसी हज्ज के निर्धारित स्थानों (मीक़ात), एहराम बांधने के समय ऐच्छिक चीज़ों, एहराम की अवस्था में वर्जित और निषिद्ध चीज़ों और संक्षेप के साथ उम्रा और हज्ज की विधि का उल्लेख किया गया है।
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Fayd Allah Al-Madani
रोज़ा तोड़नेवाली चीज़ें
रोज़ा तोड़नेवाली चीज़ें : इस व्याख्यान में रोज़े की अनिवार्यता का चर्चा करते हुए, उसकी अनिवार्यता को नकारने वाले अथवा बिना किसी वैध कारण के रोज़ा न रखने वाले का हुक्म उल्लेख किया गया है। तथा जिन लोगों के लिए रमज़ान के महीने में रोज़ा न रखने की छूट दी गई है, उनके कारणों का उल्लेख करते हुए, उन चीज़ों का खुलासा किया गया है जिनसे रोज़ा टूट जाता है। इसी तरह सेहरी करने और उसे अंतिम समय तक विलंब करने के बेहतर होने का चर्चा करते हुए, रमज़ान के दिन में संभोग करने के कफ्फारा (परायश्चित) पर सविस्तार प्रकाश डाला गया है।
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हज पे जाने से पहले के आदाब
हज पे जाने से पहले के आदाब
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निर्माता का अस्तित्व (वजूद)
पूरा ब्रह्माण्ड अपने सभी जीवित या निर्जीव, स्थिर और गतिशील चीज़ों के साथ अनस्तित्व के बाद अस्तित्व में आया है। अतः तर्क और विज्ञान दोनों इस बात की पुष्टि करते हैं कि कोई ऐसा अस्तित्व है जिसने ब्रह्मांड को बनाया है। चाहे उसका नाम अल्लाह हो या सृष्टा हो या सृजनहार हो या प्रारंभकर्ता (पहली बार पैदा करने वाला) हो। उसका इस वास्तविकता पर कोई प्रभाव नहीं है। क्योंकि पूरा ब्रह्मांड अपने अंदर विद्यमान चीजों के साथ सृष्टा के अस्तित्व पर पर्याप्त प्रमाण है।
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अल्लाह का अस्तित्व और उसकी विशेषताएँ
(विश्वासियों और नास्तिकों समेत) सभी लोगों के बीच इस बात पर सहमत होना संभव है कि अल्लाह के अस्तित्व और उसकी विशेषताओं की सच्चाई तक पहुंचने के लिए एक मात्र रास्ता शुद्ध वैज्ञानिक तर्क होना चाहिए। क्योंकि इस बात से हर कोई सहमत है कि हर काम का कोई न कोई करनेवाला होता है और हर चीज़ के लिए कोई न कोई कारण होता है। इस से कोई चीज़ बाहर नहीं है। चुनाँचे कोई भी चीज़ निस्सारता से या अनस्तित्व से नहीं आती है। और न ही कोई चीज़ बिना कारण के या कारण पैदा करनेवाले के होती है। इसके उदाहरण अनगिनत हैं, जिनसे कोई अनदेखी नहीं कर सकता।
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इस्लाम एक सार्वभौमिक और शाश्वत धर्म है
होतीं : इस्लाम एक सार्वभौमिक और शाश्वत धर्म है : इस्लाम अल्लाह का अंतिम धर्म है, जो अंतिम सन्देष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के इस धर्म को लाने के समय से लेकर परलोक के दिन तक, सभी लोगों के लिए एक सर्वसामान्य धर्म है। अतः मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के बाद कोई ईश्दूत और सन्देष्टा नहीं, तथा इस्लाम के बाद कोई अन्य धर्म और सन्देश नहीं। सो इसलाम किसी विशेष जनजाति या गोत्र के लिए नहीं है, और न ही किसी एक विशेष स्थान या निर्धारित समय के लिए है। बल्कि हर समय और पर स्थान पर सभी लोगों के लिए एक सर्वसामान्य है। धर्म के रूप में इस्लाम नहीं है. इस व्याख्यान में इसी का वर्णन किया
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अल्लाह ब्रह्मांड (विश्व) का निर्माता है।
इस सृष्टा के गुणों की पहचान उसके किए हुए कार्यों और बनाई हुई चीज़ों (रचनाओं) के अध्ययन और अनुवर्ती के माध्यम से होती है। उदाहरण के लिए, एक पुस्तक को ही ले लीजिए जो उसके लेखक के ज्ञान, उसके अनुभव, उसकी संस्कृति, उसकी शैली, उसकी सोच और उसके कार्य करने (उपलब्धि) और विश्लेषण करने की क्षमता का पता देती है। इसी तरह सारी बनाई हुई चीज़ें, निर्माता की विशेषताओं के बारे में एक व्यापक विचार और तस्वीर देती हैं। यदि लोग ब्रह्मांड और उसके अंदर उपस्थित प्राणियों और रचनाओं के साथ इसी वैज्ञानिक तर्क का उपयोग करें तो वे सृष्टा (निर्माता) की विशेषताओं की जानकारी तक पहुँच सकते हैं। समुद्र और प्रकृति की सुंदरता, कोशिकाओं की सटीकता और उनके विवरण की तत्वदर्शिता, ब्रह्मांड का संतुलन और उसकी आंदोलन प्रणाली, और वे सभी विज्ञान जहाँ तक मानव पहुँचा है, यह सब के सब सृष्टा की महानता, ज्ञान और बुद्धि का संकेत देते हैं।
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हराम कमाई और उस पर चेतावनी 1
धरती पर जितने भी प्राणी हैं सब की रोज़ी का जिम्मेदार सर्वशक्तिमान अल्लाह है, और उस ने प्रत्येक व्यक्ति की एक नियमित जीविका लिख रखी है जिसे प्राप्त किए बिना वह नहीं मरेगा। तथा अल्लाह तआला ने रोज़ी कमाने के असबाब (कारण, उपाय) भी मुक़द्दर कर दिये हैं जिन को रोज़ी की प्राप्ति के लिए अपनान आवश्यक है। किन्तु मनुष्य चूँकि जल्दवाज़ पैदा किया गया है और उसके अंदर कंजूसी और धन का प्यार रख दिया गया है, इसलिए वह अपने ऊपर नियंत्रण नहीं रख पाता और रोज़ी कमाने के लिए सब से से आसान और संछिप्त उपाय और तरीक़ा तलाश करता है और हलाल और हराम की कोई परवाह नहीं करता है। इस तरह आदमी हराम कमाई और हराम खोरी में लग जाता है।