एक दूसरे से मुसाफा करो (यानी हाथ मिलाओ) नफरत दूर होगी।

एक दूसरे से मुसाफा करो (यानी हाथ मिलाओ) नफरत दूर होगी।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
345
जिसे पसंद हो कि उसकी रोजी़ में ज़्यादती हो और उसकी उम्र बढ़ा दी जाए तो वह रिश्तेदारी निभाए।

जिसे पसंद हो कि उसकी रोजी़ में ज़्यादती हो और उसकी उम्र बढ़ा दी जाए तो वह रिश्तेदारी निभाए।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
295
तुममें से कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को गुलामों की तरह कोड़ों से न मारे

तुममें से कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को गुलामों की तरह कोड़ों से न मारे

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
231
कोई मोमिन पुरुष किसी मोमिना महिला से नफरत ना करे।

कोई मोमिन पुरुष किसी मोमिना महिला से नफरत ना करे।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
362
महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार करो।

महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार करो।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
283
अपनी खेती में जैसे मर्जी करे आओ।

अपनी खेती में जैसे मर्जी करे आओ।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
243
तुम्हारे पास जब कोई ऐसा व्यक्ति (विवाह का संदेश लेकर) आए जिसकी धार्मिकता और अखलाक से तुम संतुष्ट हो तो उससे विवाह कर दो।

तुम्हारे पास जब कोई ऐसा व्यक्ति (विवाह का संदेश लेकर) आए जिसकी धार्मिकता और अखलाक से तुम संतुष्ट हो तो उससे विवाह कर दो।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
230
बल्कि काम करो और भरोसा करके बैठ मत जाओ।

बल्कि काम करो और भरोसा करके बैठ मत जाओ।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
279
अच्छाई करो और बुराई से बचो।

अच्छाई करो और बुराई से बचो।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
248
अल्लाह से डरो। और अपनी औलाद के दरमियान इंसाफ करो।

अल्लाह से डरो। और अपनी औलाद के दरमियान इंसाफ करो।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
226
जब शर्म ही न हो तो जो फिर जो चाहो करो।

जब शर्म ही न हो तो जो फिर जो चाहो करो।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
235
इस लिए ज्ञान प्राप्त न करो कि इसकी वजह से तुम उ़लमा (विद्वानों) पर गर्व करो।

इस लिए ज्ञान प्राप्त न करो कि इसकी वजह से तुम उ़लमा (विद्वानों) पर गर्व करो।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
227