(7) सातवीं वसियत: पत्नी पर पति के अधिकार की वसियत
(7) सातवीं वसियत: पत्नी पर पति के अधिकार की वसियत
(5) पाँचवी वसियत: महिलाओं और बच्चों की उपस्थिति पर धन्यवाद व्यक्त करना।
(5) पाँचवी वसियत: महिलाओं और बच्चों की उपस्थिति पर धन्यवाद व्यक्त करना।
विवाह में खेल कूद के बारे में कुछ चेतावनी
विवाह में खेल कूद के बारे में कुछ चेतावनी
(4) चौथी वसियत: विवाह का एलान करना और उस में दफ़ बजाना।
चौथी वसियत: विवाह का एलान करना और उस में दफ़ बजाना।
(3) तीसरी वसियत: विवाह में जायज़ खेल कुद करना
(3) तीसरी वसियत: विवाह में जायज़ खेल कुद करना
(1) पहली वसियत: शादी में आने वाले लोग दूल्हा-दुल्हन के लिए दुआ़ करें
(1) पहली वसियत: शादी में आने वाले लोग दूल्हा-दुल्हन के लिए दुआ़ करें
पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम) अपने परिवार के साथ
पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम) के निजी जीवन को पढ़ने वाला को ,उस व्यक्ति पर आश्चर्य होगा, कि जो अज्ञानता और अराजकतावाद से भरे हुए कठोर और रेगिस्तान वातावरण से आया तो वह अतुलनीय पारिवारिक सफलता के उच्चतम स्तर तक कैसे पहुंच सकता है?
हज़रत पैगंबर-उन पर ईश्वर की कृपा और सलाम हो-ने पुरुषों को अपनी पत्नियों के साथ अच्छा बर्ताव करने की सलाह दी
हज़रत पैगंबर-उन पर ईश्वर की कृपा और सलाम हो-ने पुरुषों को अपनी पत्नियों के साथ अच्छा बर्ताव करने की सलाह दी
उनकी आवश्यकताओं को पूरी करने का ख्याल रखते
उनकी आवश्यकताओं को पूरी करने का ख्याल रखते
जब तुम जन्नत के बागों से गुज़रा करो तो चर लिया करो (या पेट भर लिया करो।)।
जब तुम जन्नत के बागों से गुज़रा करो तो चर लिया करो (या पेट भर लिया करो।)।
अपने भाई की मदद करो वह ज़ालिम या मज़लूम।
अपने भाई की मदद करो वह ज़ालिम या मज़लूम।
तुम कभी दो आदमियों पर अमीर ना बनना और ना यतीम के माल के मुतवल्ली (देखभाल करने वाला या निगरानी करने लाना) बन्ना।
तुम कभी दो आदमियों पर अमीर ना बनना और ना यतीम के माल के मुतवल्ली (देखभाल करने वाला या निगरानी करने लाना) बन्ना।