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GuideToIslam
जो व्यक्ति अल्लाह और आखिरत के दिन पर ईमान और विश्वास रखता है, वह अपने पड़ोसी को कष्ट न पहुंचाए
जो व्यक्ति अल्लाह और आखिरत के दिन पर ईमान और विश्वास रखता है, वह अपने पड़ोसी को कष्ट न पहुंचाए
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जो चीज़ तूझे शक में डाले उसे छोड़कर ऐसी चीज़ ले जो तुझे शक में न डाले
जो चीज़ तूझे शक में डाले उसे छोड़कर ऐसी चीज़ ले जो तुझे शक में न डाले
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कमज़ोर मोमिन की तुलना में शक्ति शाली (ताक़तवर ) मोमिन अधिक अच्छा और अल्लाह को अधिक प्रिय है रहो
कमज़ोर मोमिन की तुलना में शक्ति शाली (ताक़तवर ) मोमिन अधिक अच्छा और अल्लाह को अधिक प्रिय है रहो
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कहो- में अल्लाह पर ईमान लाया, फिर ईसी पर क़ायम रहो
कहो- में अल्लाह पर ईमान लाया, फिर ईसी पर क़ायम रहो
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ऊपर वाला (देने वाला हाथ) नीचे वाले (लेने वाले ) हाथ से बेहतर है
ऊपर वाला (देने वाला हाथ) नीचे वाले (लेने वाले ) हाथ से बेहतर है
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(सत्यनिष्ठा और धार्मिकता पर) सुदृढ़ और जमे रहो भले ही आप सभी अच्छे कार्यों को नहीं कर सकते
(सत्यनिष्ठा और धार्मिकता पर) सुदृढ़ और जमे रहो भले ही आप सभी अच्छे कार्यों को नहीं कर सकते
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Zafer Al-Hasan Al-Madani
पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के संदेश की महानता
पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के संदेश की महानता : इसमें कोई संदेह नहीं कि पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतरित संदेश मानवजाति के लिए अल्लाह का सबसे संपूर्ण और अंतिम संदेश है। इसलिए मानवजाति के लिए इस दुनिया में सौभाग्य और परलोक में मोक्ष प्राप्त करने का एकमात्र रास्ता पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लाए हुए अंतिम ईश्वरीय संदेश का अनुसरण व पालन करना है। प्रस्तुत व्याख्यान में, हमारे पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के संदेश की महानता के कुछ पहलुओं का वर्णन किया गया है।
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Abu Zaid Zameer
रमज़ान के अहकाम व मसायल से संबंधित 50 प्रश्न
प्रस्तुत वीडियो में रमज़ान के महीने के अहकाम व मसायल से संबंधित 50 प्रश्नों के उत्तर दिए जिनके बारे में अक्सर लोग
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Abdulaziz Ibn Abdillah Ibn Baz
नमाज़ नबी की का तरीका
इस किताब में है : • तक्बीर से सलाम तक नमाज़ का तरीका • नमाज़ के अरकान , उसके वाजिबात और उसकी सुन्नतें • मर्दो पर जमाअत के नमाज़ पढ़ना वाजिब है • गाने बजाने , तस्वीर कशी , दाढ़ी मुंडाने , टख्नों के नीचे कपड़ा लटकाने और बीड़ी - सिगरेट पीने का विधान ।
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Sayd Sahfeeq Al-Rahman
नमाज़े नबवी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम
नमाज़े नबवी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लमः प्रस्तुत पुस्तक नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की नमाज़ के तरीक़े के विषय में सर्वश्रेष्ठ किताबों में से एक है, जिसमें पवित्रता के अहकाम व मसायल, वुज़ू व गुस्ल का तरीक़ा, अज़ान व इक़ामत के नियम, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की नमाज का संपूर्ण तरीक़ा, और सभी प्रकार के सुनन व नवाफिल नमाज़ों के अहकाम का उल्लेख किया गया है।
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M.A. Sariwasto
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और भारतीय धर्म ग्रन्थ
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के आगमन की पूर्व सूचना हमें बाइबल, तौरेत और अन्य धर्म ग्रन्थों में मिलती है, यहाँ तक कि भारतीय धर्मग्रम्थों में भी आप के आने की भविष्यवाणियाँ मिलती हैं। हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म की पुस्तकों में इस प्रकार की पूर्व-सूचनाएँ मिलती हैं। इस पुस्तिका में सब को अकत्र करके पेश करने का प्रयास किया गया है। और यह सिद्ध किया गया है कि जिस नराशंस या कल्कि अवतार के आगमन का उनके धर्मग्रन्थों में उल्लेख हुआ है और उसकी जो विशेषतायें वर्णित हुई हैं, वह इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ही हैं। इसलिए जीवन की सुगम, सार्थक, सफल और फलदाई यात्रा के लिए अल्लाह के अन्तिम पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के द्वारा पेश की गई शिक्षाओं को अपनाया जाए और उनके बताये हुए मार्ग पर चला जाए।
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Syed Mohammed Iqbal
आख़िरी पैग़म्बर
ईश्दूत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के अंतिम संदेष्टा हैं जिन्हें अल्लाह सर्व मानव जाति की ओर अपना संदेश्वाहक बनाकर भेजा है। अतः आप केवल मुसलमानों के लिए आदर्श नहीं हैं बल्कि परलोक के दिन तक आने वाली सर्वमानव जाति के लिए मार्गदर्शक और सर्वश्रेष्ठ आदर्श हैं। इस पुस्तिका में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जीवन और धर्म संदेश के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओ पर संछिप्त के साथ प्रकाश डाला गया है।
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Muhammad Bakr Ismail
जब तुम जन्नत के बागों से गुज़रा करो तो चर लिया करो (या पेट भर लिया करो।)।
जब तुम जन्नत के बागों से गुज़रा करो तो चर लिया करो (या पेट भर लिया करो।)।
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Muhammad Bakr Ismail
अपने भाई की मदद करो वह ज़ालिम या मज़लूम।
अपने भाई की मदद करो वह ज़ालिम या मज़लूम।
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Muhammad Bakr Ismail
तुम कभी दो आदमियों पर अमीर ना बनना और ना यतीम के माल के मुतवल्ली (देखभाल करने वाला या निगरानी करने लाना) बन्ना।
तुम कभी दो आदमियों पर अमीर ना बनना और ना यतीम के माल के मुतवल्ली (देखभाल करने वाला या निगरानी करने लाना) बन्ना।
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Muhammad Bakr Ismail
एक दूसरे से मुसाफा करो (यानी हाथ मिलाओ) नफरत दूर होगी।
एक दूसरे से मुसाफा करो (यानी हाथ मिलाओ) नफरत दूर होगी।
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Muhammad Bakr Ismail
जिसे पसंद हो कि उसकी रोजी़ में ज़्यादती हो और उसकी उम्र बढ़ा दी जाए तो वह रिश्तेदारी निभाए।
जिसे पसंद हो कि उसकी रोजी़ में ज़्यादती हो और उसकी उम्र बढ़ा दी जाए तो वह रिश्तेदारी निभाए।