मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के आगमन की पूर्व सूचना हमें बाइबल, तौरेत और अन्य धर्म ग्रन्थों में मिलती है, यहाँ तक कि भारतीय धर्मग्रम्थों में भी आप के आने की भविष्यवाणियाँ मिलती हैं। हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म की पुस्तकों में इस प्रकार की पूर्व-सूचनाएँ मिलती हैं। इस पुस्तिका में सब को अकत्र करके पेश करने का प्रयास किया गया है। और यह सिद्ध किया गया है कि जिस नराशंस या कल्कि अवतार के आगमन का उनके धर्मग्रन्थों में उल्लेख हुआ है और उसकी जो विशेषतायें वर्णित हुई हैं, वह इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ही हैं। इसलिए जीवन की सुगम, सार्थक, सफल और फलदाई यात्रा के लिए अल्लाह के अन्तिम पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के द्वारा पेश की गई शिक्षाओं को अपनाया जाए और उनके बताये हुए मार्ग पर चला जाए।
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इस्लाम के सिद्धान्त और उसके मूल आधार
इस पुस्तक में इस्लाम और उसके स्तंभों को परिभाषित करते हुए तथा कुछ अन्य मुद्दों का उल्लेख करते हुए, संक्षेप में इस्लाम का परिचय प्रस्तुत किया गया है। चुनाँचे सबसे पहले संक्षेप में ब्रह्माण्ड की रचना, उसकी रचना की तत्वदर्शिता, मनुष्य की रचना और उसका सम्मान, महिला का स्थान, मनुष्य की पैदाइश की हिक्मत, मनुष्य को धर्म की आवश्यकता, सच्चे धर्म का मापदंड, धर्मों के प्रकार, वर्तमान धर्मों की स्थिति, नबूवत (ईश्दूतत्व) की वास्तविकता, नबूवत की निशानियाँ, मानव जाति को संदेष्टाओं की ज़रूरत, आख़िरत, रसूलों की दावत के नियम एवं सिद्धांत, अनन्त सन्देश, खत्मे नबूवत का वर्णन किया है। फिर इस्लाम और उसके स्तंभो को परिभाषित करते हुए, धर्म की श्रेणियों और इस्लाम धर्म की कुछ अच्छाईयों का उल्लेख किया गया है।
मात्र एक संदेश!
इस पुस्तिका में अल्लाह की तौहीद (एकेश्वरवाद) के उस संयुक्त संदेश का उल्लेख किया गया है जिस के साथ आदम –अलैहिस्सलाम- से लेकर मुहम्मद -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- तक सभी ईश्दूत और सन्देष्टा भेजे गये। तथा आज यहूदियों और ईसाईयों के हाथों में मौजूद बाइबल (ओल्ड टैस्टामेंट एंव नया टैस्टामेंट) के हवालों से अल्लाह के एकेश्वरवाद को प्रमाण-सिद्ध किया गया है।

यही इस्लाम है
क्या आप अपने आस-पास और मीडिया में बहुचर्चित विषय धर्म के बारे में सही जानकारी प्राप्त करना नहीं चाहते? कृपया आप थोड़ी देर रुक कर गहराई से सोचें उस धर्म के बारे में जो ग्लोबल आँकड़ों के अनुसार सबसे अधिक फैलने वाला और स्वीकार किया जाने वाला धर्म है । जब आप जीवन, धर्म और संसार के बारे में और समुदाय की धारणा और संस्कृतियों की खोज करते हैं, तो क्या आपको खुशी महसूस नहीं होती? आप इस्लाम की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए अपना बहुमूल्य समय क्यों नहीं देते । फिर अपनी बुद्धि और विवेक के साथ निर्णय लें? यदि उपर्युक्त कोई चीज़ रोचक हो या उससे आप सहमत हों, तो यह पुस्तक आपके लिए निश्चित रूप से सहायक साबित होगी ।

इस्लाम धर्म के मूल सिद्धांत
इस्लाम एक परिपूर्ण व्यापक धर्म है जो जीवन के सभी छेत्रों को सम्मिलित है। इस्लाम के अनुयायी का अपने उत्पत्तिकर्ता के साथ किस तरह का संबंध होना चाहिए तथा जिस समाज में वह जीवन यापन कर रहा है उसके विभिन्न सदस्यों के साथ उसका संबंध कैसा होना चाहिए, दोनों पक्षों को इस्लाम ने स्पष्ट किया है। इस पुस्तिका में यह उल्लेख किया गया है कि सर्व जगत के पालनहार के प्रति निष्ट होने के छेत्र क्या हैं, उसकी आराधना और उपासना किस प्रकार तथा उसके नियम क्या हैं। जिन्हें ईमान और इस्लाम के अर्कान यानी मूल आधार और सिद्धांत के नाम से जाना जाता है।
