इस्लाम ही वह एकमात्र सच्चा धर्म है, जिसे अल्लाह तआला ने सर्व मानव जाति के लिए पसंद कर लिया है। अतः वह किसी भी व्यक्ति से इस्लाम के सिवा कोई दूसरा धर्म कदापि स्वीकार नहीं करेगा। इस्लाम मानव के सौभाग्य और सफलता का धर्म है, तथा वही वह धर्म है जिसने मनुष्य के व्यक्तिगत, या पारिवारिक, या सामुदायिक या सर्व मानव जाति से संबंधित मामलों में ऐसे सूक्ष्म आचार और उचित ढंग, तौर-तरीक़े सिखाये हैं जिन से उसका जीवन सुलभ हो सकता है, उसकी खुशी संपन्न हो सकती है और उसको सच्चा सौभाग्य प्राप्त हो सकता है। इस पुस्तक में इस्लाम के उन्हीं कुछ गुणों और विशेषताओं का उल्लेख किया गया है।
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नव मुस्लिम मार्गदर्शिका
नवमुस्लिम मार्गदर्शिका : यह हिंदी में अनूदित एक बहुमूल्य पुस्तक है, जिसमें इसलाम धर्म ग्रहण करने वाले नवमुस्लिमों को चित्रों एवं आकृतियों के माध्यम से ऐसे निर्देश दिए गए हैं, जिनके ज़रिए वे इसलाम को आसानी से समझ सकें। दरअसल, यह उन सीमित कार्यों में से एक है, जो विशेष रूप से नवमुस्लिमों को सामने रखकर किए गए हैं, जिन्हें इसलाम की मूल शिक्षाओं के बारे में सही जानकारी की अधिक आवश्यकता होती है। इस पुस्तिका में बहुत ही आसान एवं सरल अंदाज़ में फ़िक़्ह के सभी मसायल, अक़ीदा संबंधी संदेहों और शरई पारिभाषिक शब्दों को ध्यान में रखते हुए सप्रमाण शिक्षा प्रदान करने की पद्धति अपनाई गई है।
Fahd Salem Bahammam
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और भारतीय धर्म ग्रन्थ
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के आगमन की पूर्व सूचना हमें बाइबल, तौरेत और अन्य धर्म ग्रन्थों में मिलती है, यहाँ तक कि भारतीय धर्मग्रम्थों में भी आप के आने की भविष्यवाणियाँ मिलती हैं। हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म की पुस्तकों में इस प्रकार की पूर्व-सूचनाएँ मिलती हैं। इस पुस्तिका में सब को अकत्र करके पेश करने का प्रयास किया गया है। और यह सिद्ध किया गया है कि जिस नराशंस या कल्कि अवतार के आगमन का उनके धर्मग्रन्थों में उल्लेख हुआ है और उसकी जो विशेषतायें वर्णित हुई हैं, वह इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ही हैं। इसलिए जीवन की सुगम, सार्थक, सफल और फलदाई यात्रा के लिए अल्लाह के अन्तिम पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के द्वारा पेश की गई शिक्षाओं को अपनाया जाए और उनके बताये हुए मार्ग पर चला जाए।
M.A. Sariwasto
इस्लाम धर्म की विशिष्टतायें
इस्लाम ही वह एकमात्र सच्चा धर्म है, जिसे अल्लाह तआला ने सर्व मानव जाति के लिए पसंद कर लिया है। अतः वह किसी भी व्यक्ति से इस्लाम के सिवा कोई दूसरा धर्म कदापि स्वीकार नहीं करेगा। इस्लाम मानव के सौभाग्य और सफलता का धर्म है, तथा वही वह धर्म है जिसने मनुष्य के व्यक्तिगत, या पारिवारिक, या सामुदायिक या सर्व मानव जाति से संबंधित मामलों में ऐसे सूक्ष्म आचार और उचित ढंग, तौर-तरीक़े सिखाये हैं जिन से उसका जीवन सुलभ हो सकता है, उसकी खुशी संपन्न हो सकती है और उसको सच्चा सौभाग्य प्राप्त हो सकता है। इस पुस्तक में इस्लाम के उन्हीं कुछ गुणों और विशेषताओं का उल्लेख किया गया है।
Ata’a Alrahman Deya’a Allah
ख़ालिस इन्सानी अधिकार
इस्लाम इन्सान की हैसियत से इन्सान के कुछ हक़ और अधिकार मुक़र्रर करता है। दूसरे शब्दों में इसका मतलब यह है कि हर इन्सान चाहे, वह हमारे अपने देश और वतन का हो या किसी दूसरे देश और वतन का, हमारी क़ौम का हो या किसी दूसरी क़ौम का, मुसलमान हो या ग़ैर-मुस्लिम, किसी जंगल का रहने वाला हो या किसी रेगिस्तान में पाया जाता हो, बहरहाल सिर्फ़ इन्सान होने की हैसियत से उसके कुछ हक़ और अधिकार हैं जिनको एक मुसलमान लाज़िमी तौर पर अदा करेगा और उसका फ़र्ज़ है कि वह उन्हें अदा करे।
Ata’a Alrahman Deya’a Allah
