इस पुस्तक में इस्लाम और उसके स्तंभों को परिभाषित करते हुए तथा कुछ अन्य मुद्दों का उल्लेख करते हुए, संक्षेप में इस्लाम का परिचय प्रस्तुत किया गया है। चुनाँचे सबसे पहले संक्षेप में ब्रह्माण्ड की रचना, उसकी रचना की तत्वदर्शिता, मनुष्य की रचना और उसका सम्मान, महिला का स्थान, मनुष्य की पैदाइश की हिक्मत, मनुष्य को धर्म की आवश्यकता, सच्चे धर्म का मापदंड, धर्मों के प्रकार, वर्तमान धर्मों की स्थिति, नबूवत (ईश्दूतत्व) की वास्तविकता, नबूवत की निशानियाँ, मानव जाति को संदेष्टाओं की ज़रूरत, आख़िरत, रसूलों की दावत के नियम एवं सिद्धांत, अनन्त सन्देश, खत्मे नबूवत का वर्णन किया है। फिर इस्लाम और उसके स्तंभो को परिभाषित करते हुए, धर्म की श्रेणियों और इस्लाम धर्म की कुछ अच्छाईयों का उल्लेख किया गया है।
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इस्लामी शरीअत की उत्कृष्ट विशेषताएं (60 विश े षताएं)
इस्लामी शरीअत की उत्कृष्ट विशेषताएं
Majed S. Al-Rassi
ख़ालिस इन्सानी अधिकार
इस्लाम इन्सान की हैसियत से इन्सान के कुछ हक़ और अधिकार मुक़र्रर करता है। दूसरे शब्दों में इसका मतलब यह है कि हर इन्सान चाहे, वह हमारे अपने देश और वतन का हो या किसी दूसरे देश और वतन का, हमारी क़ौम का हो या किसी दूसरी क़ौम का, मुसलमान हो या ग़ैर-मुस्लिम, किसी जंगल का रहने वाला हो या किसी रेगिस्तान में पाया जाता हो, बहरहाल सिर्फ़ इन्सान होने की हैसियत से उसके कुछ हक़ और अधिकार हैं जिनको एक मुसलमान लाज़िमी तौर पर अदा करेगा और उसका फ़र्ज़ है कि वह उन्हें अदा करे।
Ata’a Alrahman Deya’a Allah
इस्लाम के सिद्धांत
इस पुस्तक में इस्लाम का अर्थ और उसकी वास्तविकता, अल्लाह के आदेश और उसकी शरीअत की जानकारी के साधन, ईश्दूतों और उनकी सत्यता के प्रमाणों का ज्ञान, इस्लाम और ईमान के स्तंभों का वर्णन, इस्लामी शरीअत के स्रोत और बंदों पर अनिवार्य कर्तव्यों का वर्णन किया गया है, तथा इस बात का उल्लेख किया गया है कि शरीअत को लागू करना अल्लाह की उपासना है और उसने मानव की पाँच आवश्यक ज़रूरतों की रक्षा की है।
Humood Bin Muhammad Al-Lahem
इस्लाम का रास्ता
यह पुस्तक इस्लाम धर्म का परिचय प्रस्तुत करती है जिस पर अल्लाह ने धर्मों का अंत कर दिया है और उसे अपने समस्त बंदों के लिए पसंद कर लिया है तथा इस धर्म में प्रवेश करने का आदेश दिया है। अतः यह मानवजाति की उत्पत्ति की कहानी, संदेष्टाओं व ईश्दूतों के अवतरण, अंतिम संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व, आपकी संछिप्त जीवनी, आचरण व व्यवहा, तथा आपके ईश्दूतत्व की सत्यता पर अंग्रेज़ दार्शनिक थामस कार-लायल की गवाही के वर्णन पर आधारित है। इसी तरह इसमें इस्लाम की विशेषताओं एवं गुणों, इस्लाम के स्तंभों, ईमान अथवा इस्लामी आस्था के मूलसिद्धांतों, इस्लाम में उपासना के आशय तथा नारी सम्मान और उसके स्थान का उल्लेख किया गया है। इसके अध्ययन से आपके लिए इस धर्म की महानता, उसकी शिक्षाओं की सत्यता व सत्यापन और प्रति युग, स्थान, जाति और राष्ट्र के लिए उसकी योग्यता स्पष्ट होजायेगी।
Muhammad ibn Ibraheem al-Hamad
