सत्य एक है (2 का भाग 1)
विभिन्न समयों और स्थानों की नैतिकता और नियम-कानून को देखने के बाद तार्किक तर्क का पहला भाग यह साबित करता है कि सत्य निरपेक्ष है, सापेक्ष नहीं।
मैं अल्लाह और उसकी क़ुदरत की पनाह मांगता हूँ उस चीज़ की बुराई से जिसे मैं महसूस कर रहा हूँ और जिसका मुझे खतरा है।
मैं अल्लाह और उसकी क़ुदरत की पनाह मांगता हूँ उस चीज़ की बुराई से जिसे मैं महसूस कर रहा हूँ और जिसका मुझे खतरा है।
बुखार को बुरा मत कहो। क्योंकि यह आदम की औलाद के गुनाहों को इस तरह दूर कर देता है जिस तरह भट्टी लोहे की जंग को दूर कर देती है।
बुखार को बुरा मत कहो। क्योंकि यह आदम की औलाद के गुनाहों को इस तरह दूर कर देता है जिस तरह भट्टी लोहे की जंग को दूर कर देती है।
(19) उन्नीसवीं वसियत: भिविन्न प्रकार के जायज़ तरीकों से महिलाओं के साथ सम्भोग करना
उन्नीसवीं वसियत: भिविन्न प्रकार के जायज़ तरीकों से महिलाओं के साथ सम्भोग करना
अल्लाह से दुआ़ मांगो और इस यक़ीन के साथ मांगो कि तुम्हारी दुआ़ जरूर कबूल होगी।
ह़ज़रत अबू हुरैरा रद़ियल्लाहु अ़न्हु बयान करते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: "अल्लाह से दुआ़ मांगो और इस यक़ीन के साथ मांगो कि तुम्हारी दुआ़ जरूर कबूल होगी। और (अच्छी तरह) जान लो कि अल्लाह बेपरवाही से मांगी हुई गफलत में पड़े दिल की दुआ़ कुबूल नहीं करता है।"
मुसलमान कौन हैं? (2 का भाग 1)
सभी जातियों, राष्ट्रीयताओं और संस्कृतियों के एक अरब से अधिक लोग मुसलमान हैं- यह हिस्सा बताता है कि मुसलमान कौन हैं और दुनिया में उनका योगदान क्या है।