जिसे पसंद हो कि उसकी रोजी़ में ज़्यादती हो और उसकी उम्र बढ़ा दी जाए तो वह रिश्तेदारी निभाए।

जिसे पसंद हो कि उसकी रोजी़ में ज़्यादती हो और उसकी उम्र बढ़ा दी जाए तो वह रिश्तेदारी निभाए।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
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हर व्यक्ति अपने दोस्त के धर्म पर होता है।

ह़ज़रत अबू हुरैरा रद़ियल्लाहु अ़न्हु बयान करते हैं कि नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: "हर व्यक्ति अपने दोस्त के धर्म पर होता है। इसीलिए तुम में से हर व्यक्ति यह देख ले कि वह किससे दोस्ती कर रहा है।"

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(5) पाँचवी वसियत: महिलाओं और बच्चों की उपस्थिति पर धन्यवाद व्यक्त करना।

(5) पाँचवी वसियत: महिलाओं और बच्चों की उपस्थिति पर धन्यवाद व्यक्त करना।

Fathy Elsayed Fathy Elsayed
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तुममें से कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को गुलामों की तरह कोड़ों से न मारे

तुममें से कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को गुलामों की तरह कोड़ों से न मारे

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
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संक्षिप्त में स्वर्ग की खुशियां

क़ुरआन में वर्णित और पैगंबर मुहम्मद द्वारा बताये गए स्वर्ग की एक झलक।

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(12) बारहवीं वसियत: सम्भोग से पहले खेलने (यानी फोरप्ले व सम्भोग पूर्व क्रीड़ा)की वसियत

(12) बारहवीं वसियत: सम्भोग से पहले खेलने (यानी फोरप्ले व सम्भोग पूर्व क्रीड़ा)की वसियत

Fathy Elsayed Fathy Elsayed
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जब शर्म ही न हो तो जो फिर जो चाहो करो।

जब शर्म ही न हो तो जो फिर जो चाहो करो।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
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जब तुम बीमार या मैयत के पास जाओ तो अच्छी बात कहो।

जब तुम बीमार या मैयत के पास जाओ तो अच्छी बात कहो।

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(8) आठवीं वसियत: पति पर पत्नी के अधिकार की वसियत

(8) आठवीं वसियत: पति पर पत्नी के अधिकार की वसियत

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तुम्हारे पास जब कोई ऐसा व्यक्ति (विवाह का संदेश लेकर) आए जिसकी धार्मिकता और अखलाक से तुम संतुष्ट हो तो उससे विवाह कर दो।

तुम्हारे पास जब कोई ऐसा व्यक्ति (विवाह का संदेश लेकर) आए जिसकी धार्मिकता और अखलाक से तुम संतुष्ट हो तो उससे विवाह कर दो।

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अल्लाह से डरो। और अपनी औलाद के दरमियान इंसाफ करो।

अल्लाह से डरो। और अपनी औलाद के दरमियान इंसाफ करो।

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मैं दिल का हाल या किसी के अंत को नहीं जानता हूँ।

मैं दिल का हाल या किसी के अंत को नहीं जानता हूँ।

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