जब तुम तारीफ करने वालों को देखो तो उनके चेहरे पर मिट्टी डाल दो।
जब तुम तारीफ करने वालों को देखो तो उनके चेहरे पर मिट्टी डाल दो।
जब तुम बीमार या मैयत के पास जाओ तो अच्छी बात कहो।
जब तुम बीमार या मैयत के पास जाओ तो अच्छी बात कहो।
जब शर्म ही न हो तो जो फिर जो चाहो करो।
जब शर्म ही न हो तो जो फिर जो चाहो करो।
जिसे पसंद हो कि उसकी रोजी़ में ज़्यादती हो और उसकी उम्र बढ़ा दी जाए तो वह रिश्तेदारी निभाए।
जिसे पसंद हो कि उसकी रोजी़ में ज़्यादती हो और उसकी उम्र बढ़ा दी जाए तो वह रिश्तेदारी निभाए।
तुम कभी दो आदमियों पर अमीर ना बनना और ना यतीम के माल के मुतवल्ली (देखभाल करने वाला या निगरानी करने लाना) बन्ना।
तुम कभी दो आदमियों पर अमीर ना बनना और ना यतीम के माल के मुतवल्ली (देखभाल करने वाला या निगरानी करने लाना) बन्ना।
तुममें से कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को गुलामों की तरह कोड़ों से न मारे
तुममें से कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को गुलामों की तरह कोड़ों से न मारे
तुम्हारे पास जब कोई ऐसा व्यक्ति (विवाह का संदेश लेकर) आए जिसकी धार्मिकता और अखलाक से तुम संतुष्ट हो तो उससे विवाह कर दो।
तुम्हारे पास जब कोई ऐसा व्यक्ति (विवाह का संदेश लेकर) आए जिसकी धार्मिकता और अखलाक से तुम संतुष्ट हो तो उससे विवाह कर दो।
नास्तिकता (2 का भाग 1): निर्विवाद को नकारना
यद्यपि कोई व्यक्ति ईश्वर के अस्तित्व को नकारता हो, लेकिन अपने हृदय की गहराइयों से यह एक ऐसा सत्य है जिसे वो नकार नहीं सकता।
नास्तिकता (2 का भाग 2): एक सवाल जिसे समझा जाए
ईश्वर के कुछ कार्यों को न समझ पाना उसके अस्तित्व को नकारने का कोई कारण नहीं है।
पहला उदाहरण
हज़रत पैगंबर-उन पर शांति और आशीर्वाद हो- की गैरमुस्लिमों पर दयालुता के कुछ उदाहरण.