(7) सातवीं वसियत: पत्नी पर पति के अधिकार की वसियत

(7) सातवीं वसियत: पत्नी पर पति के अधिकार की वसियत

Fathy Elsayed Fathy Elsayed
86
(5) पाँचवी वसियत: महिलाओं और बच्चों की उपस्थिति पर धन्यवाद व्यक्त करना।

(5) पाँचवी वसियत: महिलाओं और बच्चों की उपस्थिति पर धन्यवाद व्यक्त करना।

Fathy Elsayed Fathy Elsayed
82
विवाह में खेल कूद के बारे में कुछ चेतावनी

विवाह में खेल कूद के बारे में कुछ चेतावनी 

Fathy Elsayed Fathy Elsayed
78
(4) चौथी वसियत: विवाह का एलान करना और उस में दफ़ बजाना।

 चौथी वसियत: विवाह का एलान करना और उस में दफ़ बजाना।

Fathy Elsayed Fathy Elsayed
86
(3) तीसरी वसियत: विवाह में जायज़ खेल कुद करना

(3) तीसरी वसियत: विवाह में जायज़ खेल कुद करना

Fathy Elsayed Fathy Elsayed
85
(1) पहली वसियत: शादी में आने वाले लोग दूल्‍हा-दुल्‍हन के लिए दुआ़ करें

(1) पहली वसियत: शादी में आने वाले लोग दूल्‍हा-दुल्‍हन के लिए दुआ़ करें

Fathy Elsayed Fathy Elsayed
83
पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम) अपने परिवार के साथ

पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम)  के निजी जीवन को पढ़ने वाला को ,उस व्यक्ति पर आश्चर्य होगा, कि जो अज्ञानता और अराजकतावाद से भरे हुए  कठोर और रेगिस्तान वातावरण से आया तो वह अतुलनीय पारिवारिक सफलता के उच्चतम स्तर तक कैसे पहुंच सकता है?

rasoulallah.net rasoulallah.net
75
हज़रत पैगंबर-उन पर ईश्वर की कृपा और सलाम हो-ने पुरुषों को अपनी पत्नियों के साथ अच्छा बर्ताव करने की सलाह दी

हज़रत पैगंबर-उन पर ईश्वर की कृपा और सलाम हो-ने पुरुषों को अपनी पत्नियों के साथ अच्छा बर्ताव करने की सलाह दी

rasoulallah.net rasoulallah.net
75
उनकी आवश्यकताओं को पूरी करने का ख्याल रखते

उनकी आवश्यकताओं को पूरी करने का ख्याल रखते

rasoulallah.net rasoulallah.net
102
जब तुम जन्नत के बागों से गुज़रा करो तो चर लिया करो (या पेट भर लिया करो।)।

जब तुम जन्नत के बागों से गुज़रा करो तो चर लिया करो (या पेट भर लिया करो।)।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
82
अपने भाई की मदद करो वह ज़ालिम या मज़लूम।

अपने भाई की मदद करो वह ज़ालिम या मज़लूम।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
78
तुम कभी दो आदमियों पर अमीर ना बनना और ना यतीम के माल के मुतवल्ली (देखभाल करने वाला या निगरानी करने लाना) बन्ना।

तुम कभी दो आदमियों पर अमीर ना बनना और ना यतीम के माल के मुतवल्ली (देखभाल करने वाला या निगरानी करने लाना) बन्ना।

Muhammad Bakr Ismail Muhammad Bakr Ismail
132