इस पुस्तिका में अल्लाह की तौहीद (एकेश्वरवाद) के उस संयुक्त संदेश का उल्लेख किया गया है जिस के साथ आदम –अलैहिस्सलाम- से लेकर मुहम्मद -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- तक सभी ईश्दूत और सन्देष्टा भेजे गये। तथा आज यहूदियों और ईसाईयों के हाथों में मौजूद बाइबल (ओल्ड टैस्टामेंट एंव नया टैस्टामेंट) के हवालों से अल्लाह के एकेश्वरवाद को प्रमाण-सिद्ध किया गया है।
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ग़लतफ़हमियों का निवारण (इस्लाम के बारे में ग़ैर मुस्लिमों के सामान्य प्रश्नों के उत्तर)
इस पुस्तक में इस्लाम से संबंधित ग़ैर-मुस्लिमों के द्वारा पूछे जाने वाले 20 सामान्य प्रश्नों के प्रमाणों और तर्क के साथ उत्तर दिये गये हैं। यदि एक मुसलमान इन प्रश्नों के उत्तर अच्छी तरह समझ ले और इन्हें अपने दिमाग में बिठा ले, तो वह ग़ैर-मुस्लिमों के मस्तिष्कि में इस्लाम के संबंध में पाई जाने वाली ग़लतफ़हमियों को दूर करने और इस्लाम के प्रति उनके नकारात्मक सोच को बदलने में सफल रहेगा।
Zakir Naik
सच्चा रास्ता
इसमें कोई संदेह नहीं कि यह दुनिया नश्वर है, और परलोक का जीवन ही सदैव बाक़ी रहने वाला और मनुष्य का स्थायी घर है। यह सांसारिक जीवन मात्र एक परीक्षा और परलोक की तैयारी और उसकी खेती है। तथा लोक और परलोक की सफलता और सौभाग्य प्राप्त करने का एकमात्र रास्ता वह सीधा मार्ग है जिसे हमारे संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम लेकर आए हैं। अतः जो व्यक्ति इस पर चलेगा वह सफल होगा और जो उससे उपेक्षा करेगा वह घाटे में रहेगा। इस पुस्तिका में उसी रास्ते का निर्देशन किया गया है।
Waheed Uddin Khan
धर्म दो चीजों पर आधारित है
यह एक संक्षिप्त शैक्षिक निबंध है, जिसमें लेखक ने यह स्पष्ट किया है कि धर्म केवल दो सिद्धांतों पर आधारित है, फिर उन लोगों का उल्लेख किया है जो इन सिद्धांतों को समझने और इन्हें व्यवहार में लाने में (पूर्वजों) का विरोध करते हैं,ये विरोधी दस प्रकार के हैं, यह लेख धर्म के मूलभूत आधार को समझने का सही तरीका स्पष्ट करता है, जो केवल एक है, तथा धर्म के मौलिक आधार को समझने के गलत और निराधार तरीकों से भी परदा उठता है,जिन की संख्या दस है,इस प्रकार यह एक अत्यंत शैक्षिक और उपयोगी निबंध है, जिसके माध्यम से एक मुसलमान हिदायत के मार्ग से अवगत हो सकता है ताकि वह उसका अनुगमन करे, और गुमराही (त्रुटि)के मार्ग से भी परिचित हो सके ताकि वह उससे दूर रहे, और वह धर्म पर अडिग रहा, उसका पांव डगमगाए नहीं।
Majed S. Al-Rassi
