आमिना ने अपने पति अब्दुल्लाह को याद किया, और अपने बेटे मुहम्मद के साथ उनकी क़ब्र की ज़ियारत करने का इरादा किया। चुनाँचे उन्हों ने यसरिब (मदीना मुनव्वरा) की ओर यात्रा की, और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के दादा के ननिहाल बनू नज्जार के पास नाबिग़ा के घर पर उतरीं, और वहाँ एक महीना ठहरीं। जब यहूदियों ने मुहम्मद को देखा, तो उन्हों ने पहचान लिया कि आप इस उम्मत के नबी हैं, और कहा : यह इस उम्मत के नबी हैं और यसरिब ही वह नगरी है जिसकी ओर वह हिजरत करेंगे। तो आमिना को आपके ऊपर डर महसूस हुआ। अत: वह आपको लेकर वापस लौटीं, उनके साथ उम्मे ऐमन भी थीं, और इन्हों ने ही आमिना को यहूद जो कुछ कहते थे उसके बारे में सूचना दी थी। मक्का आते हुए रास्ते में आमिना बीमार हो गर्इं, और वहीं उनकी मृत्यु हो गर्इ, और अबवा नामी स्थान पर दफन कर दी गर्इं। पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की दाया उम्म ऐमन आपको लेकर मक्का आयीं और आप अपने दादा अब्दुल मुत्तलिब की किफालत (देखरेख) में आगए।
सीना चाक किए जाने की घटना के बाद, पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बनू सअद में अधिक दिन तक नहीं ठहरे, बल्कि अपनी माँ आमिना के पास लौट आए, ताकि उनके प्यार से लाभान्वित हों, तथा वह आपके अनाथपन की छतिपूर्ति करने की कोशिश करती थीं।
संबंधित टैग
संबंधित : प्रकार
पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की प्रथम बरकतें
पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की प्रथम बरकतें
![Islam House](https://savesouls.net/themes/midade/frontend/save-souls/assets/images/default-author.png)
पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म की कहानी
पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म की कहानी
![Islam House](https://savesouls.net/themes/midade/frontend/save-souls/assets/images/default-author.png)
पैगंबर मुहम्मद ने क्या आदेश दिया ?
पैगंबर मुहम्मद -शांति और आशिर्वाद हो उनपर- ने कई महत्वपूर्ण सिद्धांतों और नैतिकताओं की बुनयाद रखी, केवल यही नहीं बल्कि युद्ध के बहुत सारे ऐसे नियमों को स्थापित किया जिनका युद्धों के दौरान ख्याल रखना ज़रुरी है, और ----यह सारे नियम इतने ऊँचे हैं कि जिनेवा कन्वेंशन द्वारा उल्लिखित नियम भी इनके सामने बौने पड़ते हैं.
![Yusuf Estes](https://savesouls.net/themes/midade/frontend/save-souls/assets/images/default-author.png)
मुसलमान हज़रत मुहम्मद-उन पर इश्वर की कृपा और
हज़रत मुहम्मद-उन पर इश्वर की कृपाऔर सलाम हो- की शिक्षाओं और उनके गुणों कोध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि उनके इन शिक्षाओं और गुणों को बहुत सारे लोगों ने माना है, इस पर इतिहास गवाह है.
![Yusuf Estes](https://savesouls.net/themes/midade/frontend/save-souls/assets/images/default-author.png)