ह़ज़रत हम्माम बिन ह़ारिस बयान करते हैं कि एक व्यक्ति ह़ज़रत उ़समान रद़ियल्लाहु अ़न्हु की तारीफ करने लगा। ह़ज़रत मिक़दाद रद़ियल्लाहु अ़न्हु अपने घुटनों के बल बैठे - वह मोटे तड़ंगे व्यक्ति थे- और तारीफ करने वाले के मुंह पर कंकड़ियाँ डालने लगे। तो ह़ज़रत उ़समान ने उनसे कहा कि तुम्हे क्या हो गया है? तो उन्होंने जवाब दिया: " बेशक अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया है:" जब तुम तारीफ करने वालों को देखो तो उनके चेहरे पर मिट्टी डाल दो। "
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम किसी की बहुत ज़्यादा तारीफ पसंद नहीं करते थे। क्योंकि इसमें अधिकता और ज़्यादती हो जाती है जिसमें आमतौर झूठी बातें बयान हो जाती हैं जो चापलूसी के तौर पर उस तारीफ करने वाले के चेहरे यह उसकी लड़खड़ाती ज़बान से साफ जाहिर होती हैं।
कभी-कभी कुछ सह़ाबा ए किराम रद़ियल्लाहु अ़न्हुम अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम से अपनी मोहब्बत को जाहिर करने के लिए आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की तारीफ करते तो आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम उनका का दिल रखने के लिए उन्हें इजाज़त देते और उनकी तारीफ कुबूल करते लेकिन। अगर आप कभी-कभार कुछ ज़्यादती देखते तो बड़े अदब और एहतराम से मना फरमा देते।