इस्लाम इन्सान की हैसियत से इन्सान के कुछ हक़ और अधिकार मुक़र्रर करता है। दूसरे शब्दों में इसका मतलब यह है कि हर इन्सान चाहे, वह हमारे अपने देश और वतन का हो या किसी दूसरे देश और वतन का, हमारी क़ौम का हो या किसी दूसरी क़ौम का, मुसलमान हो या ग़ैर-मुस्लिम, किसी जंगल का रहने वाला हो या किसी रेगिस्तान में पाया जाता हो, बहरहाल सिर्फ़ इन्सान होने की हैसियत से उसके कुछ हक़ और अधिकार हैं जिनको एक मुसलमान लाज़िमी तौर पर अदा करेगा और उसका फ़र्ज़ है कि वह उन्हें अदा करे।
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ग़लतफ़हमियों का निवारण (इस्लाम के बारे में ग़ैर मुस्लिमों के सामान्य प्रश्नों के उत्तर)
इस पुस्तक में इस्लाम से संबंधित ग़ैर-मुस्लिमों के द्वारा पूछे जाने वाले 20 सामान्य प्रश्नों के प्रमाणों और तर्क के साथ उत्तर दिये गये हैं। यदि एक मुसलमान इन प्रश्नों के उत्तर अच्छी तरह समझ ले और इन्हें अपने दिमाग में बिठा ले, तो वह ग़ैर-मुस्लिमों के मस्तिष्कि में इस्लाम के संबंध में पाई जाने वाली ग़लतफ़हमियों को दूर करने और इस्लाम के प्रति उनके नकारात्मक सोच को बदलने में सफल रहेगा।

यही इस्लाम है
क्या आप अपने आस-पास और मीडिया में बहुचर्चित विषय धर्म के बारे में सही जानकारी प्राप्त करना नहीं चाहते? कृपया आप थोड़ी देर रुक कर गहराई से सोचें उस धर्म के बारे में जो ग्लोबल आँकड़ों के अनुसार सबसे अधिक फैलने वाला और स्वीकार किया जाने वाला धर्म है । जब आप जीवन, धर्म और संसार के बारे में और समुदाय की धारणा और संस्कृतियों की खोज करते हैं, तो क्या आपको खुशी महसूस नहीं होती? आप इस्लाम की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए अपना बहुमूल्य समय क्यों नहीं देते । फिर अपनी बुद्धि और विवेक के साथ निर्णय लें? यदि उपर्युक्त कोई चीज़ रोचक हो या उससे आप सहमत हों, तो यह पुस्तक आपके लिए निश्चित रूप से सहायक साबित होगी ।

इस्लाम का रास्ता
यह पुस्तक इस्लाम धर्म का परिचय प्रस्तुत करती है जिस पर अल्लाह ने धर्मों का अंत कर दिया है और उसे अपने समस्त बंदों के लिए पसंद कर लिया है तथा इस धर्म में प्रवेश करने का आदेश दिया है। अतः यह मानवजाति की उत्पत्ति की कहानी, संदेष्टाओं व ईश्दूतों के अवतरण, अंतिम संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व, आपकी संछिप्त जीवनी, आचरण व व्यवहा, तथा आपके ईश्दूतत्व की सत्यता पर अंग्रेज़ दार्शनिक थामस कार-लायल की गवाही के वर्णन पर आधारित है। इसी तरह इसमें इस्लाम की विशेषताओं एवं गुणों, इस्लाम के स्तंभों, ईमान अथवा इस्लामी आस्था के मूलसिद्धांतों, इस्लाम में उपासना के आशय तथा नारी सम्मान और उसके स्थान का उल्लेख किया गया है। इसके अध्ययन से आपके लिए इस धर्म की महानता, उसकी शिक्षाओं की सत्यता व सत्यापन और प्रति युग, स्थान, जाति और राष्ट्र के लिए उसकी योग्यता स्पष्ट होजायेगी।

आठ भ्रांतियां एवं उनके उत्तर"
यह (अ़रबी पुस्तक का) हिंदी अनुवाद है, इसमें लेखक - अल्लाह उसे अच्छा बदलाव दे - ने उन महत्वपूर्ण संदेहों का उल्लेख किया है, कब्र में दफन हुए पैगंबरों एवं नेक लोगों को पूकारने वाले जिन का सहारा लेते हैं,और यह दावा करते हैं कि यह धामिर्क एवं सत्य प्रमाण हैं,लेखक ने इन शंकाओं का बहुत ध्यानपूर्वक और गहराई से समीक्षा किया है,और यह साबित किया है कि इन संदेहों का कोई वजन और मापदंड नहीं,क्योंकि इन संदेहों का आधार या तो कमजोर और मनगढंत हदीसों पर है, अथवा किस्से कहानियों पर,अथवा गलत एवं निराधार तर्कसंगत अटकलों पर, जो कि क़ुरान एवं हदीस के प्रमाणों, सहा़बा की समझ और मुसलमानों की सहमति के सामने कोई महत्व नहीं रखते।
