प्रस्तुत आडियो में रमज़ान के महीने की महान घड़ियों और क्षणों से भरपूर लाभ उठाने पर बल देते हुए, रमज़ान के महीने की शुरूआत और उसके प्रवेष करने के सबूत का वर्णन किया गया है, और यह स्पष्ट किया गया कि रमज़ान के महीने के आरंभ होने की प्रामाणिकता रमज़ान का चाँद देखने या उसके देखे जाने पर एक विश्वस्त आदमी की गवाही का होना, और यदि किसी कारण चाँद न दिखाई दे तो शाबान के तीस दिन पूरे करना है। तथा रमज़ान से पहले उसके अभिवादन के तौर पर एक दो दिन रोज़ा रखना धर्मसंगत नही है। इसी तरह इसमें नीयत की अनिवार्यता, नीयत का अभिप्राय स्पष्ट करते हुए यह उल्लेख किया गया है कि नीयत ज़ुबान से करना धर्मसंगत नही है।