हलीमा को पता था कि आप अनाथ हैं, लेकिन उनका दिल इस दूध पीने वाले बच्चे से लग गया। उन्हों ने इसे ले लिया और अल्लाह से उम्मीद लगार्इ कि उसके अंदर बरकत पैदा हो जाए। उन्हों ने अपने पति से कहा : मैं अब्दुल्लाह के बेटे मुहम्मद को ले लूँगी, आशा है कि उसमें हमारे लिए बरकत हो। इस पर उनके पति ने कहा :

हाँ ऐ हलीमा, तुम उसे ले लो, अल्लाह की क़सम! मुझे आशा है कि अल्लाह हमें उसके कारण हलाल रोज़ी, और अपनी ओर से बरकत प्रदान करेगा।

हलीमा ने पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को ले लिया और इस पर उन्हें बहुत सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्हों ने आप को अपने सीने पर रखा ही था, कि उनकी छाती दूध से भर गर्इ, चुनाँचे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उससे दूध पीना शुरू कर दिया यहाँ तक कि आपका पेट भर गया, फिर हलीमा ने अपने बच्चे को लेकर उसे दूध पिलाया। तो यह अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की पहली बरकत थी। तथा हलीमा ने अपने पति की ओर देखा और उन्हों ने हलीमा की तरफ देखा और देानों अल्लाह का गुणगान करने लगे, क्योंकि वे दोनों जिस चीज़ की आशा लगा रहे थे, वह पूरी हो गर्इ थी। तो यह रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की पहली बरकत है।